Saturday 5 November 2016

...नेमिकुमार का हुआ राजतिलक ★ बापूगांव स्थित छोटा गिरनार में पंचकल्याणक महोत्सव का चौथा दिन : दीक्षा कल्याणक

अतुल्य राजस्थान @ न्यूज़...
चाकसू/बापूगांव। भगवान का वैराग्य का दिन भी आ गया... शनिवार को युवराज नेमि कुमार का राज्याभिषेक किया गया... 32 मुकुट बद्ध राजाओं द्वारा महाराज नेमिकुमार को भेंट प्रदान की गयी। तत्पश्चात नेमिकुमार की विवाह बारात का भव्य दृश्य ने महोत्सव को विराट रूप दे दिया। पंच कल्याणक में किया गया ये चित्रण वास्तविक लग रहा था... जैसे नेमिकुंवर हाथी पर सवार होकर जूनागढ़ में प्रवेश किया और मूक पशुओं की करूण पुकार ने उन्हें रोक दिया...
       इस अवसर पर तपोभूमि प्रेणता जैन मुनिश्री प्रज्ञासागर महाराज ने दीक्षा कल्याणक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दीक्षा से ही इस जन्म की सार्थकता है। हमे मानव जन्म बहुत ही पुण्यों से प्राप्त होता है। भगवान नेमीनाथ जी ने जैसे बंधे हुए पशुओं की पुकार सुनकर अपना रथ मोड़ लिया। हमें भी मौका मिलता है पर उस मौके को पहचान नही पाते। नेमिनाथ जी ने समय पर वैराग्य को धारण कर राजकुमारी राजुल को छोड़ कर गिरनार की ओर विहार कर जैनेश्वरी दीक्षा को स्वीकार किया और मुनिराज से नेमिनाथ बन गए। भगवान की दीक्षा संस्कार विधि तपोभूमि प्रेणता जैन मुनिश्री प्रज्ञासागर ने सम्पन्न कराई। जिसमें भगवान का केशलोंच किया गया। भगवन के केश प्राप्त करने का सौभाग्य टीकमचंद, अजय गोधा जयपुर ने प्राप्त किया। वहीं भगवान की विदाई के पलों ने सारे वातावरण को अश्रुपूर्ण कर दिया और सभी ने भावविभोर होकर नेमी कुमार को विदाई दी...
       मीडिया प्रभारी अमित बाकलीवाल ने बताया कि नेमिकुमार बनने का सौभाग्य नेमीचंद बाकलीवाल निवासी जयपुर को प्राप्त हुआ। इसी अवसर पर पूज्य गुरुदेव का पिच्छी परिवर्तन समारोह आयोजित किया गया। जिसमें मुनिश्री ने संयम का प्रतिक मोर पंख से बनी पिच्छी उस भाग्यशाली को प्रदान की जो संयम को धारण करता है। मालूम हो जैन मुनि पिच्छी के बिना एक कदम भी नही चलते। जीवों की रक्षा के लिए जैन संत हाथ में पिच्छी कमण्डल रखते है।
बापूगांव छोटा गिरनार में विवाह बरात का विराट दृश्य

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