Friday 25 November 2016

चाकसू में एसीबी की बड़ी कार्रवाई, थाने का एएसआई जगदीश प्रसाद शर्मा रंगे हाथ पकड़ा ■ 1000 के पुराने नोटों से 20 हजार की रिश्वत ले रहा था

■ अतुल्य राजस्थान @ न्यूज़... 
चाकसू.जयपुर। चाकसू थाने का एएसआई जगदीश प्रसाद शर्मा पर नोटबन्दी का कोई असर नहीं था। भले ही सरकार ने एक हजार के नोट पर पाबंदी लगा दी हो, लेकिन रिश्वतखोरी में ये नोट धड़ल्ले से चल रहे है..! 
        दरअसल उसने एक परिवादी के घर जाकर उनके मुकदमे राजीनामा करवाने की एवज में 20 हजार रुपए की रिश्वत ले ली। रिश्वत भी बंद हुए पुराने एक हजार रुपए के नोट में। सूचना पर मौके पर पहुंची भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरों ने एएसआई जगदीश प्रसाद को शुक्रवार देर शाम रिश्वत लेते हुए परिवादी के घर से रंगे हाथ धर दबोचा। रिश्वत के 20 हजार रुपए एसीबी टीम ने जब्त कर लिए। रिश्वत में लिए गए पूरे नोट पुराने 1000-1000 के है। एसीबी के एडीशनल एसपी नरोत्तम लाल वर्मा ने बताया कि चाकसू निवासी कैलाश शर्मा ने कुछ दिन पहले चाकसू थाने में अपनी बेटी को छेड़ने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। लेकिन सामने वाले पक्ष ने भी क्रॉस केस कर दिया। जिसका राजीनामा करवाने ओर केस को हल्का करने के लिए जगदीश ने परिवादी से 1.50 लाख रुपए मांगे थे। जिसके बाद 1.20 हजार रुपए में तय हुआ था। जिसमें 20 हजार रुपए एडवांस लेने के लिए जगदीश फाइल लेकर शाम को परिवादी के घर पहुंच गया। झूठे केस में जबरदस्ती फंसाने से परेशान हुए परिवादी ने इसकी शिकायत एसीबी टीम को दे रखी थी। परिवादी रोज निर्दोष बताकर आरोपियों के खिलाफ चालान पेश करने की बात कहता, मगर एसीबी के हत्थे चढ़ा एएसआई जगदीश प्रसाद दूसरे पक्ष का हवाला देकर डरा देता। बाद में दोनों प्रकरणों में एफआर लगाने की कहकर रिश्वत में परिवादी से 20 हजार रु.मांग लिए। 
■ खुद ही फंसा जाल में: 
        जगदीश प्रसाद को रिश्वत लेने का कतई डर नहीं था। वह तय समय के अनुसार परिवादी के घर ही रिश्वत लेने पहुँच गया। इस बीच एसीबी ने घर को घेरा और कुछ परिवादी के घर बैठे गए। जैसे ही एएसआई जगदीश प्रसाद ने 20 हजार रु.की रिश्वत ली, तो उसे ब्यूरों ने रँगे हाथ पकड़ लिया। एसीबी को देखकर उसके होश उड़ गए और खुद को निर्दोष बताकर गिड़गिड़ाने लगा। 
■ नोट तो नोट होते हैं, क्या पुराने क्या नए : 
         परिवादी ने रिश्वत देने की हां कर ली, तो आरोपी एएसआई जगदीश प्रसाद मामले की फ़ाइल लेकर परिवादी के घर पर पहुंच गया। जब परिवादी कैलाश शर्मा ने कहा कि रिश्वत में देने को उसके पास पुराने नोट हैं। इस पर आरोपी एएसआई जगदीश प्रसाद ने कहा कि 'नोट तो नोट होते हैं, क्या पुराने क्या नए' इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आरोपी एएसआई जगदीश प्रसाद 11 माह बाद ही सेवानिवृत्त होने वाला था। एएसआई ट्रैप की भनक लगते ही चाकसू थाने में खलबली मच गई।

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