Friday 7 October 2016

हिन्दू सभ्यता में 'दशहरा पर्व' का अलग ही महत्व 🖐11अक्टूबर को रावण का दहन कर दशहरा पर्व मनाएं

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'अतुल्य राजस्थान मीडिया परिवार' की ओर से एडवांस में सभी को विजयादशमी (दशहरे) पर्व की शुभकामनाए...
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हिन्दू पुराणो के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की
दशमी तिथि को रावण के पुतले का दहन कर दशहरे का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व हिन्दू सभ्यता में अपना अलग ही महत्व रखता है, इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत है, क्योकि इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। इसीलिए इस दशमी को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। इसी दिन लोग नया कार्य प्रारम्भ करते हैं, शस्त्र-पूजा की जाती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है। दशमी तिथि को दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन भी किया जाता है।
      इस साल 2016 में दशहरा का पर्व 11अक्टूबर को मनाया जायेगा। जैसा की हिन्दू शास्त्रो में हर शुभ कार्य मुहुर्त के अनुसार किया जाता है। वैसे ही दशहरा पर भी भगवान राम पूजा, दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और शस्त्र पूजन समय मुहुर्त के अनुसार आप सकते है।
      पूरे वर्ष में विजयादशमी ही एक ऐसा पर्व होता है। जिस दिन शस्त्र पूजा की जाती है, क्योंकि यह शस्त्र ही प्राणों की रक्षा करते हैं तथा भरण पोषण का कारण भी हैं। इन्ही शस्त्रों में विजया देवी का वास मान कर इनका पूजन किया जाता है। अगर आप भी किसी भी कारन से शस्त्रों का उपयोग करते है तो उनकी पूजा अवश्य करें और शाम को रावण के पुतले का दहन कर दशहरे के पर्व को मनाये। साथ ही खुद भी किसी प्रकार के गलत काम ना करने का संकल्प ले। 

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