■ अतुल्य राजस्थान @ न्यूज़...
चाकसू। शिवदासपुरा थाना क्षेत्र के वाटिका ग्राम पंचायत के सवाई जयसिंह पुरा गाँव में नन्दराम के घर पर बड़ी बेटी गायत्री व छोटी ललिता की शादी की खुशिया धूमधाम से मनायी जा रही थी, तो युवा डीजे की धुन पर थिरक रहे थे, शहनाई गूंज रही थी।
शुक्रवार की देर शाम को गाँव में पुलिस अचानक पहुंच गयी और शादी की खुशियों पर रोक लगा दी। परिजनों ने दोनों बहिनों के बालिग के दस्तावेज दिखा दिए। कागजों को देखकर पुलिस भी सन्तुष्ट हो गयी, लेकिन जब पुलिस ने दूल्हों के दस्तावेज मांगे, तो उसमें एक दुल्हे की उम्र कम निकली और पुलिस ने चाकसू मजिस्ट्रेट से एक बहिन ललिता के विवाह पर रोक के लिए पाबन्द करवा दिया। बस फिर क्या था छोटी बहिन ललिता के हाथों में रची मेहंदी में रखी रह गयी और उसके शादी के अरमान अधूरे रह गये। वो बालिग होते हुए भी शादी नही कर पाई, क्योकि उसका दूल्हा नाबालिग था जिसकी सजा ललिता को मिली।
गौरतलब है कि सवाई जयसिंहपुरा गाँव में नन्दराम मीणा की गायत्री व ललिता की शादी शुक्रवार को होने वाली थी और यहां सीताराम मीणा के पुत्र दीपक व सूरज जो फागी के डाबीच गाँव के रहने वाले है। यहां से बारात सवाई जयसिंहपुरा जाने वाली थी पुलिस की पाबंदी के बाद बारात रुक गयी। मौके पर पुलिस जमी रही और पुलिस के भय से ग्रामीण भी भोजन में नही आये। शादी में घर में कोहराम मच गया।
आखिर रात्री को दस बजे के करीब बड़े लडके दीपक की बारात गाँव में पहुंची और पुलिस ने पूरी पड़ताल की तब जाकर दीपक ने तोरण मार कर शादी के फेरे व अन्य रस्म पूरी की और बारात को देखकर धीरे-धीरे ग्रामीण भी घरों से बहार निकले और सामूहिक भोज में भाग लिया और दुल्हे की विदाई भी पुलिस की मौजूदगी में हुई।
चाकसू। शिवदासपुरा थाना क्षेत्र के वाटिका ग्राम पंचायत के सवाई जयसिंह पुरा गाँव में नन्दराम के घर पर बड़ी बेटी गायत्री व छोटी ललिता की शादी की खुशिया धूमधाम से मनायी जा रही थी, तो युवा डीजे की धुन पर थिरक रहे थे, शहनाई गूंज रही थी।
शुक्रवार की देर शाम को गाँव में पुलिस अचानक पहुंच गयी और शादी की खुशियों पर रोक लगा दी। परिजनों ने दोनों बहिनों के बालिग के दस्तावेज दिखा दिए। कागजों को देखकर पुलिस भी सन्तुष्ट हो गयी, लेकिन जब पुलिस ने दूल्हों के दस्तावेज मांगे, तो उसमें एक दुल्हे की उम्र कम निकली और पुलिस ने चाकसू मजिस्ट्रेट से एक बहिन ललिता के विवाह पर रोक के लिए पाबन्द करवा दिया। बस फिर क्या था छोटी बहिन ललिता के हाथों में रची मेहंदी में रखी रह गयी और उसके शादी के अरमान अधूरे रह गये। वो बालिग होते हुए भी शादी नही कर पाई, क्योकि उसका दूल्हा नाबालिग था जिसकी सजा ललिता को मिली।
गौरतलब है कि सवाई जयसिंहपुरा गाँव में नन्दराम मीणा की गायत्री व ललिता की शादी शुक्रवार को होने वाली थी और यहां सीताराम मीणा के पुत्र दीपक व सूरज जो फागी के डाबीच गाँव के रहने वाले है। यहां से बारात सवाई जयसिंहपुरा जाने वाली थी पुलिस की पाबंदी के बाद बारात रुक गयी। मौके पर पुलिस जमी रही और पुलिस के भय से ग्रामीण भी भोजन में नही आये। शादी में घर में कोहराम मच गया।
आखिर रात्री को दस बजे के करीब बड़े लडके दीपक की बारात गाँव में पहुंची और पुलिस ने पूरी पड़ताल की तब जाकर दीपक ने तोरण मार कर शादी के फेरे व अन्य रस्म पूरी की और बारात को देखकर धीरे-धीरे ग्रामीण भी घरों से बहार निकले और सामूहिक भोज में भाग लिया और दुल्हे की विदाई भी पुलिस की मौजूदगी में हुई।
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