(आदर्श गांव की दुर्दशा) कीचड़ से अटा-पड़ा है आदर्श गांव सवाई माधोसिंहपुरा - आमरास्तों में जल निकासी व सीसी रोड़ के समतल नहीं होने से राहगीरों का निकलना भी दुश्वार। - दुर्गंधयुक्त माहौल में रहने को मजबूर ग्रामीण अब मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे।
चाकसू (जयपुर)। राज्य में स्मार्ट सिटी बनाने का थोथा दावा करने वाली भाजपा सरकार की झूठ गांवों के हालात हवा निकाल रही है। राजधानी जयपुर के निकट चाकसू की आदर्श ग्राम पंचायत सवाईमाधोसिंहपुरा इसकी एक बानगी है। शासन-प्रशासन की उपेक्षा के चलते आदर्श ग्राम पंचायत के हालात दुर्दशा को बयां कर रहे हैं। आमरास्तों में जमा कीचड़ व जलभराव की समस्या से राहगीरों का निकलना भी दुश्वार हो रहा है। नालियों के अभाव में कीचड़ के साथ रास्तों में जलभराव की समस्या से मच्छर पनप रहे हैं, इससे ग्रामीण अब मौसमी बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं।
ग्रामीणों ने विकास का सपना संजोकर इस बार पंचायती राज चुनाव में ग्राम पंचायत सरपंच का चुनाव भी निर्विरोध घोषित कराया। निर्विरोध सरपंच निर्वाचन से पंचायत शासन व प्रशासन की नजर में तो आ गई, मगर बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने ही अपने वादों को भुला ही दिया। गांव के कई प्रमुख रास्तों की हालत यह है कि कहीं कच्चा मार्ग है तो कहीं नालियां ही नहीं हैं। इससे ग्रामीणों के साथ आम राहगीर का निकलना भी दुश्वार हो रहा है। इन रास्तों में वर्षाकाल में स्थिति और खराब हो जाती है। कीचड़ व दुर्गंधयुक्त रास्तों में होकर छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को पीठ पर बस्ता लाद पैदल निकलना पड़ता है। जरा भी पैर फिसल गया तो बच्चे गिरकर चोटिल हो जाते हैं और पोशाक भी गंदी हो जाती है। यही हाल दुपहिया वाहन चालकों के साथ होता है।
गांव की समस्या निराकरण के साथ मूलभूत सुविधाओं के विकास की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार पुरजोर मांग कर चुके हैं। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन का नारा देकर स्वच्छता को अभियान के रूप में ले रहे हैं, वहीं राज्य सरकार का यह अभियान गांवों में पूरी तरह दम तोड़ रहा है। गांवों में बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत की दरकार है, जो सरकार के वादों व दावों की यहां पोल खोलने के लिए काफी है।
यहां है प्रमुख समस्याः ग्राम सवाई माधोसिंहपुरा में मैन रोड़ गांव बीच वाले तालाब से लेकर पुराने पंचायत भवन तक मुख्य रास्ते में समस्या अधिक है। प्रमुख रास्ते में निर्मित सी.सी. रोड़ समतल नहीं बनाने से बीच-बीच में पानी का भराव रहता है। यह भी कीचड़ व जलभराव की समस्या का बडा कारण है। रोड़ के साइड में व्यवस्थित नाली निर्माण नहीं होने से पानी का समुचित निकास नहीं हो रहा है। इस कारण पूरे रास्ते में घरों के सामने कीचड़ जमा रहता है।
जमा कीचड़ व पानी में पनप रहे मच्छरः ग्रामीणों ने बताया कि शासन व प्रशासन की उपेक्षा के चलते ग्राम पंचायत को साफ-सफाई के लिए पर्याप्त बजट नहीं मिल पाता है। इससे नियमित साफ-सफाई व रोशनी की व्यवस्था से गांव महरूम है। हालांकि सरपंच पद का चुनाव निर्विरोध होने से पंचायत को आदर्श का तमगा तो मिल गया, मगर अपेक्षित विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाया है। रास्तों में जमा गंदगी, कीचड व जलभराव के दुष्परिणाम यह है कि मच्छर पनप रहे हैं, इससे कई प्रकार की मौसमी बीमारियों की चपेट में ग्रामीण आ रहे हैं।
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ReplyDeleteकीचड़ से अटा-पड़ा है आदर्श गांव सवाई माधोसिंहपुरा
- आमरास्तों में जल निकासी व सीसी रोड़ के समतल नहीं होने से राहगीरों का निकलना भी दुश्वार।
- दुर्गंधयुक्त माहौल में रहने को मजबूर ग्रामीण अब मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे।
चाकसू (जयपुर)। राज्य में स्मार्ट सिटी बनाने का थोथा दावा करने वाली भाजपा सरकार की झूठ गांवों के हालात हवा निकाल रही है। राजधानी जयपुर के निकट चाकसू की आदर्श ग्राम पंचायत सवाईमाधोसिंहपुरा इसकी एक बानगी है। शासन-प्रशासन की उपेक्षा के चलते आदर्श ग्राम पंचायत के हालात दुर्दशा को बयां कर रहे हैं। आमरास्तों में जमा कीचड़ व जलभराव की समस्या से राहगीरों का निकलना भी दुश्वार हो रहा है। नालियों के अभाव में कीचड़ के साथ रास्तों में जलभराव की समस्या से मच्छर पनप रहे हैं, इससे ग्रामीण अब मौसमी बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं।
ग्रामीणों ने विकास का सपना संजोकर इस बार पंचायती राज चुनाव में ग्राम पंचायत सरपंच का चुनाव भी निर्विरोध घोषित कराया। निर्विरोध सरपंच निर्वाचन से पंचायत शासन व प्रशासन की नजर में तो आ गई, मगर बाद में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों ने ही अपने वादों को भुला ही दिया। गांव के कई प्रमुख रास्तों की हालत यह है कि कहीं कच्चा मार्ग है तो कहीं नालियां ही नहीं हैं। इससे ग्रामीणों के साथ आम राहगीर का निकलना भी दुश्वार हो रहा है। इन रास्तों में वर्षाकाल में स्थिति और खराब हो जाती है। कीचड़ व दुर्गंधयुक्त रास्तों में होकर छोटे-छोटे स्कूली बच्चों को पीठ पर बस्ता लाद पैदल निकलना पड़ता है। जरा भी पैर फिसल गया तो बच्चे गिरकर चोटिल हो जाते हैं और पोशाक भी गंदी हो जाती है। यही हाल दुपहिया वाहन चालकों के साथ होता है।
गांव की समस्या निराकरण के साथ मूलभूत सुविधाओं के विकास की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार पुरजोर मांग कर चुके हैं। लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, इससे ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत मिशन का नारा देकर स्वच्छता को अभियान के रूप में ले रहे हैं, वहीं राज्य सरकार का यह अभियान गांवों में पूरी तरह दम तोड़ रहा है। गांवों में बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा व शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं की जरूरत की दरकार है, जो सरकार के वादों व दावों की यहां पोल खोलने के लिए काफी है।
यहां है प्रमुख समस्याः ग्राम सवाई माधोसिंहपुरा में मैन रोड़ गांव बीच वाले तालाब से लेकर पुराने पंचायत भवन तक मुख्य रास्ते में समस्या अधिक है। प्रमुख रास्ते में निर्मित सी.सी. रोड़ समतल नहीं बनाने से बीच-बीच में पानी का भराव रहता है। यह भी कीचड़ व जलभराव की समस्या का बडा कारण है। रोड़ के साइड में व्यवस्थित नाली निर्माण नहीं होने से पानी का समुचित निकास नहीं हो रहा है। इस कारण पूरे रास्ते में घरों के सामने कीचड़ जमा रहता है।
जमा कीचड़ व पानी में पनप रहे मच्छरः ग्रामीणों ने बताया कि शासन व प्रशासन की उपेक्षा के चलते ग्राम पंचायत को साफ-सफाई के लिए पर्याप्त बजट नहीं मिल पाता है। इससे नियमित साफ-सफाई व रोशनी की व्यवस्था से गांव महरूम है। हालांकि सरपंच पद का चुनाव निर्विरोध होने से पंचायत को आदर्श का तमगा तो मिल गया, मगर अपेक्षित विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाया है। रास्तों में जमा गंदगी, कीचड व जलभराव के दुष्परिणाम यह है कि मच्छर पनप रहे हैं, इससे कई प्रकार की मौसमी बीमारियों की चपेट में ग्रामीण आ रहे हैं।